Payal Pehanane Ke Fayde: क्या आपने कभी सोचा है कि महिलाएं पायल क्यों पहनती हैं? अक्सर हम इसे सिर्फ गहना या फैशन समझ लेते हैं, लेकिन असल में इसकी वजहें धर्म, सेहत और वास्तु से गहराई से जुड़ी हुई हैं। खासतौर पर चांदी की पायल पहनना शुभ और बेहद लाभकारी माना जाता है।
पायल पहनने से क्यों आती है पॉजिटिव एनर्जी?
हिंदू धर्म में पायल को महिलाओं के सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, पायल की खनकती आवाज़ घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर देती है और माहौल में सकारात्मकता भर देती है।
कहा जाता है कि जब महिला पायल पहनकर चलती है तो उस आवाज़ से घर में देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और समृद्धि आती है।
चांदी की पायल के हेल्थ बेनिफिट्स
पायल सिर्फ सजने-संवरने का गहना नहीं है, बल्कि इसके पीछे छिपे हैं कई health benefits:
- हड्डियों को मजबूती – चांदी की पायल पैरों से रगड़ खाकर हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करती है।
- एनर्जी बैलेंस – आयुर्वेद कहता है कि शरीर का सिर ठंडा और पैर गर्म होने चाहिए। चांदी पैरों को ठंडक देती है और शरीर का तापमान संतुलित रखती है।
- सोना पैरों में वर्जित – शास्त्रों के मुताबिक पैरों में सोना पहनना अशुभ है। सोना गले और हाथों में ही शुभ फल देता है, लेकिन पैरों में केवल चांदी की पायल पहनना ही उचित है।
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प्राचीन परंपरा से लेकर मॉडर्न ट्रेंड तक
पुराने समय में पायल सिर्फ सजावट के लिए नहीं बल्कि संकेत देने का भी काम करती थी। घर के पुरुष पायल की खनक से समझ जाते थे कि घर की कोई महिला उनकी ओर आ रही है।
आज भी पायल का महत्व कम नहीं हुआ है। फर्क सिर्फ इतना है कि अब यह फैशन ट्रेंड भी बन चुकी है। कई लड़कियां इसे स्टाइल स्टेटमेंट मानकर एक पैर में भी पहनती हैं।
पायल पहनना सिर्फ खूबसूरती बढ़ाने का साधन नहीं बल्कि शुभता, हेल्थ और पॉजिटिव एनर्जी का प्रतीक है। यही वजह है कि चांदी की पायल पहनने की परंपरा आज भी उतनी ही लोकप्रिय है जितनी सदियों पहले थी।
अगली बार जब आप किसी महिला के पैरों में पायल की छन-छन सुनें, तो समझ लीजिए—यह सिर्फ एक sound of beauty नहीं बल्कि sound of positivity भी है।
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