Ola Electric Share Price: एक तरफ जहां शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बना हुआ है और चारों ओर ‘लाल’ निशान हावी है, वहीं दूसरी ओर इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के शेयर रॉकेट की रफ्तार से भाग रहे हैं। निवेशकों के लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है कि गिरते बाजार में भी ओला के स्टॉक्स ने पिछले सिर्फ एक हफ्ते में 20% का जबरदस्त रिटर्न दिया है।
यह तेजी का सिलसिला 25 अगस्त के आस-पास शुरू हुआ, जब शेयर 44-45 रुपये के भाव पर था, और अब यह 56 रुपये के पार कारोबार कर रहा है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक निवेशकों का भरोसा इस स्टॉक पर बढ़ गया? चलिए जानते हैं इस तूफानी तेजी के पीछे की इनसाइड स्टोरी।
Ola Electric Share Price में तेजी की असली वजह क्या है?
इस पूरी तेजी के पीछे सबसे बड़ा और पॉजिटिव ट्रिगर है कंपनी को मिला एक सरकारी ‘सर्टिफिकेट’। ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि उसके Gen-3 स्कूटर पोर्टफोलियो को सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत सर्टिफिकेशन मिल गया है।
आसान भाषा में समझें तो, सरकार की यह स्कीम देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए है। इस स्कीम के तहत सर्टिफाइड कंपनियों को उनके प्रोडक्शन और बिक्री पर सरकार की तरफ से इंसेंटिव यानी आर्थिक फायदा मिलता है। ओला को यह सर्टिफिकेशन ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) से मिला है, जो भारी उद्योग मंत्रालय के तहत काम करती है।
क्या होगा इस सर्टिफिकेशन से?
- बढ़ेगा मुनाफा: कंपनी का मानना है कि इस सर्टिफिकेशन से उसकी प्रॉफिटेबिलिटी में बड़ा उछाल आएगा, जिसका असर वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही से दिखने लगेगा।
- लागत होगी कम: सरकारी इंसेंटिव मिलने से कंपनी की लागत घटेगी, जिससे वह बाजार में और मजबूती से मुकाबला कर पाएगी।
- सभी मॉडल्स कवर: यह सर्टिफिकेशन ओला के S1 Gen-3 लाइन-अप के सभी सात स्कूटरों – S1 प्रो 3 kWh, S1 प्रो 4 kWh, S1 प्रो+ 4 kWh, S1 X 2 kWh, S1 X 3 kWh, S1 X 4 kWh और S1 X+ 4 kWh – पर लागू होता है।
चूंकि कंपनी की कुल बिक्री में Gen-3 रेंज का एक बड़ा हिस्सा है, इसलिए यह खबर निवेशकों के लिए एक बड़े पॉजिटिव संकेत के रूप में आई है।
इलेक्ट्रिक स्कूटर का भविष्य है Bright!
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी अनुमानों की मानें तो 2030 तक भारत में बिकने वाले कुल स्कूटरों में से 80% इलेक्ट्रिक स्कूटर हो सकते हैं। यह ओला इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियों के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है।
कंपनी के फाउंडर भाविश अग्रवाल भी कई मौकों पर यह दोहरा चुके हैं कि उनका लक्ष्य भारत के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट के 25-30% हिस्से पर कब्जा करना है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य और सरकार का सपोर्ट, दोनों मिलकर कंपनी के भविष्य की एक मजबूत तस्वीर पेश कर रहे हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
बाजार के जानकारों का मानना है कि कंपनी के अंदर हो रहे पॉजिटिव बदलाव और सरकारी नीतियों का सपोर्ट ओला के शेयरों को आकर्षक बना रहा है। PLI सर्टिफिकेशन एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है जो कंपनी को घाटे से मुनाफे की पटरी पर लाने में मदद करेगा। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी अपने मार्केट शेयर को और कैसे बढ़ाती है और कंपटीशन में कैसे आगे निकलती है।
(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे निवेश की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है, इसलिए किसी भी निवेश से पहले एक सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य करें।)

योगेश कोल्हे एक अनुभवी लेखक हैं जो देश के महत्वपूर्ण समाचारों, व्यापार, वित्त और सरकारी योजनाओं जैसे विषयों पर गहरी विशेषज्ञता रखते हैं। उनके लेख पाठकों को जटिल विषयों को सरल और स्पष्ट भाषा में समझने में मदद करते हैं।