Reliance Intelligence: अंबानी का AI ब्रह्मास्त्र जो बदलेगा भारत की तस्वीर, जानिए क्या है और कैसे करेगा काम

Reliance Intelligence: रिलायंस इंडस्ट्रीज की 48वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में मुकेश अंबानी ने एक ऐसा ऐलान किया है, जिसे भारत के तकनीकी भविष्य का सबसे बड़ा गेम-चेंजर माना जा रहा है।

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उन्होंने “रिलायंस इंटेलिजेंस” (Reliance Intelligence) नाम की एक नई कंपनी बनाने की घोषणा की है। यह सिर्फ एक कंपनी नहीं, बल्कि एक ऐसा मिशन है जिसका लक्ष्य ‘हर भारतीय के लिए, हर जगह AI’ उपलब्ध कराना है।

मुकेश अंबानी ने AI को “आज के युग की कामधेनु” बताते हुए कहा कि यह हर इच्छा पूरी करने की क्षमता रखती है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये रिलायंस इंटेलिजेंस है क्या? यह कैसे काम करेगा और इससे आपकी-हमारी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा? आइए इस पूरे प्लान को विस्तार से समझते हैं।

क्या है रिलायंस इंटेलिजेंस?

आसान शब्दों में, रिलायंस इंटेलिजेंस रिलायंस की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जिसका एकमात्र फोकस भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक ग्लोबल लीडर बनाना है। इसका विजन सिर्फ बड़ी कंपनियों तक AI को सीमित रखना नहीं, बल्कि इसे भारत के हर नागरिक, छोटे दुकानदार, किसान, छात्र और व्यवसायी तक पहुंचाना है।

मुकेश अंबानी ने इसके चार मुख्य मिशन बताए हैं:

  1.   AI के लिए देसी इंफ्रास्ट्रक्चर: भारत में ही AI के लिए वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना।
  2.   दुनिया की बेस्ट कंपनियों से साझेदारी: ग्लोबल टेक दिग्गजों के साथ मिलकर काम करना।
  3.  भारत के लिए AI सर्विसेज बनाना: भारतीय जरूरतों के हिसाब से AI टूल्स और एप्लिकेशन विकसित करना।
  4.   AI टैलेंट को बढ़ावा देना: देश में AI के जानकारों और प्रोफेशनल्स का एक बड़ा पूल तैयार करना।

Reliance Intelligence कैसे करेगा काम? एक्शन प्लान तैयार है

रिलायंस इंटेलिजेंस का वर्किंग मॉडल बेहद दमदार और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह कई स्तरों पर एक साथ काम करेगा:

1. गीगावॉट-स्केल ग्रीन डेटा सेंटर्स का निर्माण

किसी भी AI मॉडल को चलाने और ट्रेन करने के लिए भारी कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है, जो विशाल डेटा सेंटर्स से आती है।

  •   कहां बन रहे हैं? रिलायंस गुजरात के जामनगर में गीगावॉट-स्तर के AI-रेडी डेटा सेंटर बना रहा है।
  •   क्या है खास? ये डेटा सेंटर पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी (सौर ऊर्जा) से चलेंगे। यह पर्यावरण के लिए तो अच्छा है ही, साथ ही ऑपरेशनल कॉस्ट को भी कम करेगा।
  •   मकसद: इन डेटा सेंटर्स का लक्ष्य भारत में AI कंप्यूटिंग की लागत को दुनिया में सबसे कम करना है, ताकि छोटे से छोटा स्टार्टअप भी इसका फायदा उठा सके।

2. ग्लोबल दिग्गजों के साथ मेगा-पार्टनरशिप

अंबानी ने इस मिशन में अकेले चलने की बजाय दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों को अपना साझेदार बनाया है।

  •   गूगल (Google): रिलायंस और गूगल मिलकर भारत में AI इकोसिस्टम को बढ़ावा देंगे। गूगल अपनी अत्याधुनिक AI और क्लाउड टेक्नोलॉजी देगा। जामनगर में एक डेडिकेटेड ‘जामनगर क्लाउड रीजन’ बनाया जाएगा जो रिलायंस के लिए होगा और गूगल क्लाउड द्वारा पावर्ड होगा।
  •   मेटा (Meta): फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा के साथ मिलकर रिलायंस भारत के बिजनेसेस के लिए मेटा के ओपन-सोर्स ‘लामा’ (Llama) AI मॉडल पर आधारित सॉल्यूशंस बनाएगी। इससे भारतीय कंपनियों को वर्ल्ड-क्लास AI टेक्नोलॉजी आसानी से मिल पाएगी।

गूगल के CEO सुंदर पिचाई और मेटा के CEO मार्क जकरबर्ग, दोनों ने इस पार्टनरशिप को भारत के लिए एक मील का पत्थर बताया है।

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आम आदमी और छोटे बिजनेस को क्या फायदा होगा?

रिलायंस इंटेलिजेंस का असली मकसद टेक्नोलॉजी को लोकतांत्रिक बनाना है। इससे समाज के हर वर्ग को फायदा पहुंचाने की योजना है:

  • किसानों के लिए: AI की मदद से मौसम का सटीक अनुमान, मिट्टी की सेहत का विश्लेषण, और फसल में बीमारी की पहचान करना आसान हो जाएगा, जिससे पैदावार बढ़ेगी।
  • स्वास्थ्य सेवा: दूर-दराज के इलाकों में AI-पावर्ड डायग्नोस्टिक टूल्स की मदद से बीमारियों का शुरुआती स्टेज में पता लगाया जा सकेगा और बेहतर इलाज मिल पाएगा।
  •  शिक्षा के क्षेत्र में: छात्रों के लिए पर्सनलाइज्ड लर्निंग ऐप्स बनाए जाएंगे जो हर बच्चे की सीखने की क्षमता के अनुसार उसे पढ़ाएंगे।
  •  छोटे व्यापारियों (SMBs) के लिए: एक किराना स्टोर का मालिक भी AI की मदद से अपनी इन्वेंट्री मैनेज कर सकेगा, ग्राहकों की पसंद को समझ सकेगा और अपनी बिक्री बढ़ा पाएगा।
  •  उपभोक्ताओं के लिए: हमें और आपको बेहतर डिजिटल सर्विसेज, स्मार्ट असिस्टेंट और यूजर-फ्रेंडली AI एप्लीकेशन्स मिलेंगी जो रोजमर्रा के कामों को आसान बना देंगी।

संक्षेप में, रिलायंस इंटेलिजेंस सिर्फ एक तकनीकी पहल नहीं है, बल्कि यह भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास को एक नई उड़ान देने का वादा है। जिस तरह जियो ने डेटा को हर भारतीय तक पहुंचाया, उसी तरह रिलायंस इंटेलिजेंस का लक्ष्य AI को हर घर और हर बिजनेस तक पहुंचाना है।

यह वीडियो रिलायंस और गूगल के बीच हुई साझेदारी के महत्व को समझाता है, जो रिलायंस इंटेलिजेंस की सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।

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