Jasprit Bumrah vs Lasith Malinga Stats: क्रिकेट की दुनिया में जब भी यॉर्कर (yorker) की बात होती है, तो दो नाम सबसे पहले ज़हन में आते हैं – श्रीलंका के दिग्गज लसिथ मलिंगा और भारत के अपने ‘बूम बूम’ जसप्रीत बुमराह। एक अपने अनोखे स्लिंगी एक्शन से बल्लेबाजों के दिलों में खौफ पैदा करता था, तो दूसरा अपने अतरंगी एक्शन और घातक सटीकता से आज भी कर रहा है।
दोनों ने मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) में एक साथ ड्रेसिंग रूम शेयर किया, जहां मलिंगा ‘गुरु’ थे और बुमराह उनके ‘चेले’। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि T20 इंटरनेशनल में इन दोनों में से सर्वश्रेष्ठ कौन है?
यह बहस हमेशा से गर्म रही है। क्या बुमराह अपने गुरु मलिंगा से आगे निकल गए हैं? या मलिंगा का अनुभव और उनके रिकॉर्ड आज भी उन्हें T20 का बेताज बादशाह बनाते हैं? आइए, आंकड़ों की कसौटी पर कसते हैं और देखते हैं कि असली ‘यॉर्कर किंग’ कौन है।
आंकड़ों का महामुकाबला: कौन किस पर भारी?( Jasprit Bumrah vs Lasith Malinga Stats )
T20 फॉर्मेट में हर एक गेंद कीमती होती है और यहीं पर एक गेंदबाज की असली परीक्षा होती है। अगर हम दोनों के T20 इंटरनेशनल करियर के आंकड़ों पर नज़र डालें, तो तस्वीर काफी दिलचस्प नज़र आती है।
- जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah): भारत के इस तेज गेंदबाज ने अब तक 70 T20I मैच खेले हैं। इन मैचों में बुमराह ने अपनी धारदार गेंदबाजी से 89 विकेट चटकाए हैं। सबसे हैरान करने वाली बात है उनकी इकॉनमी रेट (economy rate), जो सिर्फ 6.27 की है। इसका मतलब है कि उन्होंने रन लुटाने में जबरदस्त कंजूसी दिखाई है। उनका औसत (average) 17.74 का रहा है, जो यह बताता है कि उन्हें हर विकेट के लिए कितने रन खर्च करने पड़े।
- लसिथ मलिंगा (Lasith Malinga): वहीं, यॉर्कर के जनक माने जाने वाले मलिंगा ने अपने करियर में 84 T20I मैच खेले और 107 विकेट अपने नाम किए। वह 100 T20I विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज थे। हालांकि, उनकी इकॉनमी 7.42 और औसत 20.79 का रहा, जो बुमराह के मुकाबले थोड़ा महंगा है।
तो आंकड़ों के पहले राउंड में, इकॉनमी और औसत के मामले में बुमराह अपने गुरु मलिंगा पर बीस साबित होते दिख रहे हैं।
दबाव में कौन है असली मैच विनर?
बड़े खिलाड़ी की पहचान दबाव में उसके प्रदर्शन से होती है। बात जब टीम को जीत दिलाने की हो, तो दोनों ही गेंदबाज अपनी-अपनी टीमों के लिए तुरुप का इक्का साबित हुए हैं।
बुमराह ने भारत की जीतों में अहम भूमिका निभाई है। अक्सर कप्तान उन्हें मुश्किल हालातों में गेंद थमाते हैं और बुमराह लगभग हर बार उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। चाहे वो पावरप्ले (powerplay) में विकेट लेना हो या डेथ ओवर्स (death overs) में रन रोकना, बुमराह का कोई सानी नहीं।
दूसरी ओर, मलिंगा ने श्रीलंका को 2014 में T20 वर्ल्ड कप जिताने में कप्तानी भूमिका निभाई थी। फाइनल में उनका स्पेल आज भी यादगार है। मलिंगा अपनी घातक यॉर्कर और स्लोअर गेंदों के मिश्रण से किसी भी वक्त मैच का पासा पलटने का दम रखते थे।
वर्ल्ड कप का मंच: किसका प्रदर्शन रहा दमदार?
T20 वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में प्रदर्शन करना किसी भी खिलाड़ी के लिए एक सपना होता है।
- जसप्रीत बुमराह ने 3 T20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया है और 18 मैचों में 26 विकेट झटके हैं। हाल ही में 2024 के T20 वर्ल्ड कप में उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ भी चुना गया, जो उनकी काबिलियत को दर्शाता है।
- लसिथ मलिंगा का वर्ल्ड कप रिकॉर्ड और भी शानदार है। उन्होंने 5 T20 वर्ल्ड कप खेले और 38 विकेट अपने नाम किए। उनका अनुभव और बड़े मैचों का दबाव झेलने की क्षमता उन्हें खास बनाती थी।
फैसला: गुरु या चेला, कौन है बेहतर?
तो सवाल फिर वही है – बेहतर कौन? अगर हम विशुद्ध आंकड़ों, खासकर इकॉनमी और औसत को देखें, तो जसप्रीत बुमराह का पलड़ा भारी नज़र आता है। वह कम रन देकर विकेट निकालने की कला में माहिर हैं, जो T20 फॉर्मेट में किसी भी टीम के लिए सोने पर सुहागा है।
ना सूर्या ना रोहित बल्कि ये है Asia Cup T20 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टॉप 10 बल्लेबाज !
लेकिन, लसिथ मलिंगा सिर्फ एक गेंदबाज नहीं, बल्कि एक युग थे। उन्होंने T20 गेंदबाजी की परिभाषा को बदला। 4 गेंदों में 4 विकेट लेने का कारनामा हो या फिर दो-दो हैट्रिक, मलिंगा के नाम ऐसे रिकॉर्ड हैं जिन्हें तोड़ना लगभग नामुमकिन है।
कुल मिलाकर, यह कहना गलत नहीं होगा कि बुमराह ने मलिंगा से सीखी कला को और निखारा है और मौजूदा समय में वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ T20 गेंदबाज हैं। लेकिन मलिंगा की विरासत और क्रिकेट पर उनका प्रभाव हमेशा अद्वितीय रहेगा। यह ‘गुरु’ और ‘चेले’ की एक ऐसी जोड़ी है, जिस पर क्रिकेट हमेशा गर्व करेगा।

चैतन लिमकर एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो खेल और मनोरंजन जगत पर अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं। वे खेल के मैदान के रोमांच और मनोरंजन की दुनिया की नवीनतम हलचलों को अपने शब्दों में जीवंत कर देते हैं।