धोनी-कोहली ने करियर बिगाड़ा? संन्यास के बाद अमित मिश्रा का बड़ा खुलासा, उठाए चयन में पक्षपात के सवाल!

Amit Mishra on Dhoni and Kohli :भारतीय क्रिकेट के दिग्गज स्पिनर अमित मिश्रा (Amit Mishra) ने संन्यास का ऐलान करने के तुरंत बाद एक ऐसा बयान दिया है, जिसने क्रिकेट जगत में भूचाल ला दिया है। मिश्रा ने साफ शब्दों में कहा कि उनके करियर की राह में सबसे बड़ी रुकावट कहीं न कहीं एमएस धोनी (MS Dhoni) और विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में किए गए फैसले रहे।

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उनके आरोपों ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा कर दिया है – क्या भारतीय टीम में वाकई सिर्फ टैलेंट चलता है, या फिर ‘कप्तान की पसंद’ भी करियर बना-बिगाड़ सकती है?

धोनी से रिश्ते अच्छे, लेकिन…

अमित मिश्रा ने धोनी के साथ अपने रिलेशन को हमेशा अच्छा बताया। लेकिन जब उन्होंने धोनी से अपनी टीम में जगह को लेकर सवाल किया, तो धोनी ने सीधे कह दिया – “आप टीम कॉम्बिनेशन में फिट नहीं बैठते।”

यानी साफ है कि टैलेंट होने के बावजूद कभी-कभी खिलाड़ी की किस्मत टीम बैलेंस पर निर्भर कर जाती है।

कोहली पर सीधा वार – “मैं आपको बता दूंगा”

मिश्रा का असली ‘धमाका’ बयान तब आया जब उन्होंने विराट कोहली को लेकर अपनी नाराज़गी जताई। मिश्रा ने बताया कि उन्होंने एक बार कोहली से अपने भविष्य के बारे में पूछा, लेकिन जवाब में कोहली ने बस इतना कहा – “मैं आपको बता दूंगा।”

मिश्रा के मुताबिक, ये ‘संवाद की कमी’ उनके लिए बेहद निराशाजनक रही, क्योंकि उस दौर में वे अपने करियर के अहम मोड़ पर खड़े थे।

“प्रसिद्धि ने बदल दिया विराट को”

यहीं नहीं रुके मिश्रा। उन्होंने कोहली के स्वभाव पर भी सवाल उठाए और कहा – “प्रसिद्धि और शक्ति ने विराट को बदल दिया।”

उनके मुताबिक, स्टार बनने के बाद विराट का एटीट्यूड पहले जैसा नहीं रहा।

वहीं, उन्होंने रोहित शर्मा की तारीफ की और कहा कि इतनी सफलता मिलने के बाद भी रोहित आज भी उतने ही फ्रेंडली और मिलनसार हैं जैसे पहले हुआ करते थे।

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चयन प्रक्रिया पर बड़ा खुलासा

मिश्रा ने टीम इंडिया की चयन प्रक्रिया पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा – “सिर्फ अच्छा परफॉर्म करना ही काफी नहीं होता, आपको कप्तान की गुड बुक्स में भी रहना पड़ता है।”

उनकी ये बात सीधा इशारा करती है कि भारतीय क्रिकेट में Favoritism (पक्षपात) हमेशा से एक ‘ओपन सीक्रेट’ रहा है, लेकिन ज्यादातर खिलाड़ी इसे बोलने से बचते हैं।

अमित मिश्रा का ये बयान सिर्फ एक क्रिकेटर की पीड़ा नहीं, बल्कि उस बड़े सवाल की गूंज है – क्या टीम इंडिया में करियर बनाने के लिए टैलेंट काफी है, या कप्तान की नजरों में चढ़ना भी उतना ही जरूरी?

अब सबकी निगाहें धोनी और कोहली की संभावित प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

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