ITR Filing 2025: रिटर्न फाइल कर दिया? रुकिए! ये एक काम नहीं किया तो सब बेकार, अटक जाएगा Refund!

ITR Filing 2025:ITR फाइल करके चैन की सांस ले रहे हैं? सोच रहे हैं कि अब तो बस खाते में रिफंड आने का इंतजार है? तो जरा ठहरिए! कहीं ऐसा न हो कि आपकी एक छोटी सी भूल आपकी पूरी मेहनत पर पानी फेर दे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income-Tax Department) का नियम बिल्कुल साफ है – ITR फाइलिंग सिर्फ पहला कदम है, असली काम तो इसके बाद शुरू होता है।

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अगर आपने भी अब तक ये जरूरी काम नहीं निपटाया है, तो आपका रिफंड अटक सकता है और आपको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। चलिए जानते हैं क्या है वो ‘आखिरी स्टेप’ जिसके बिना आपकी फाइलिंग अधूरी है।

क्यों है E-Verification इतना ज़रूरी? आखिर माजरा क्या है?

जब आप ऑनलाइन रिटर्न फाइल करते हैं, तो सिस्टम को कैसे पता चलेगा कि यह रिटर्न आपने ही भरा है, किसी और ने नहीं? बस, इसी कन्फर्मेशन के लिए ई-वेरिफिकेशन (e-verification) की प्रक्रिया बनाई गई है। यह एक तरह से आपका डिजिटल सिग्नेचर है, जो बताता है कि दी गई जानकारी सही है और आपकी सहमति से फाइल की गई है।

सबसे बड़ी बात, अगर आपने ITR फाइल करने के 30 दिनों के अंदर इसे वेरिफाई नहीं किया, तो आपका भरा हुआ ITR ‘अमान्य’ (Invalid) मान लिया जाएगा। मतलब, सारी मेहनत बेकार!

घर बैठे चुटकियों में ऐसे करें वेरिफाई, ये हैं 5 आसान तरीके

घबराने की कोई बात नहीं है! इनकम टैक्स पोर्टल ने वेरिफिकेशन को काफी आसान बना दिया है। आप इनमें से कोई भी तरीका अपना सकते हैं:

  •   Aadhaar OTP: सबसे पॉपुलर और आसान तरीका। आपके आधार से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP आएगा, उसे डालते ही काम पूरा।
  •   Net Banking: अपने बैंक की नेट बैंकिंग में लॉगिन करके भी आप सीधे टैक्स पोर्टल पर जाकर ITR वेरिफाई कर सकते हैं।
  •   Bank Account EVC: अगर आपका बैंक अकाउंट पोर्टल पर ‘Pre-validated’ है, तो आप Electronic Verification Code (EVC) जनरेट कर सकते हैं।
  •   Demat Account EVC: बैंक अकाउंट की तरह ही, आप अपने डीमैट अकाउंट के जरिए भी EVC जनरेट कर सकते हैं।
  •   ATM से वेरिफिकेशन: जी हाँ, आप कुछ चुनिंदा बैंकों के ATM में जाकर भी अपना ITR वेरिफाई कर सकते हैं।

एक बार वेरिफिकेशन होते ही, आपको तुरंत एक रसीद (Acknowledgement) मिल जाती है, जिसका मतलब है कि आपकी ITR फाइलिंग की प्रक्रिया 100% पूरी हो गई है।

अगर Online नहीं, तो Offline का भी है ‘जुगाड़’

जो लोग टेक्नोलॉजी से थोड़ा दूर रहते हैं, उनके लिए ऑफलाइन तरीका भी मौजूद है। आप ITR-V फॉर्म का प्रिंटआउट लें, उस पर नीले पेन से साइन करें और स्पीड पोस्ट के जरिए बेंगलुरु में सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) के पते पर भेज दें।

ध्यान दें: इसमें आपके भेजने की तारीख नहीं, बल्कि CPC में फॉर्म पहुंचने की तारीख को गिना जाता है। इसलिए आखिरी दिन का इंतजार बिल्कुल न करें!

डेडलाइन चूके तो क्या होगा? समझ लीजिए पूरा गणित

अगर आप 30 दिन की डेडलाइन चूक गए, तो इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं:

  •   ITR अमान्य: आपका रिटर्न भरा हुआ ही नहीं माना जाएगा।
  •   लेट फाइलिंग: इसे देर से फाइल किया गया रिटर्न माना जाएगा, जिस पर आपको जुर्माना और ब्याज देना पड़ सकता है।
  •   Refund अटक जाएगा: जब तक वेरिफिकेशन नहीं होगा, सरकार आपका रिफंड प्रोसेस नहीं करेगी।

तो सवाल ये है कि क्या आप चंद मिनटों के काम के लिए हजारों का नुकसान झेलना चाहेंगे?

क्या आपकी जगह कोई और कर सकता है वेरिफाई?

हाँ, कुछ मामलों में यह संभव है। अगर किसी व्यक्ति को आपकी जगह काम करने के लिए कानूनी रूप से अधिकृत किया गया है (Authorised Signatory), तो वह भी आपकी तरफ से वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरा कर सकता है। इसके लिए भी वही ऑनलाइन तरीके अपनाए जा सकते हैं।

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इसलिए, अगर आपने ITR फाइल कर दिया है, तो आज ही अपना स्टेटस चेक करें और फटाफट ई-वेरिफिकेशन का काम पूरा कर लें, ताकि आपका रिफंड समय पर आपके अकाउंट में आ सके।

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