Prem Sagar Death News: रामायण, विक्रम-बेताल और अलिफ लैला जैसे कालजयी धारावाहिकों की विरासत को आगे बढ़ाने वाले प्रेम सागर अब हमारे बीच नहीं रहे। 84 वर्षीय फिल्म निर्माता और छायाकार प्रेम सागर का रविवार सुबह मुंबई में निधन हो गया। वे महान निर्देशक रामानंद सागर के बेटे और निर्माता शिव सागर के पिता थे।
अरुण गोविल ने जताया शोक
रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल ने इंस्टाग्राम पर लिखा,”प्रेम सागर जी का निधन अत्यंत दुखद है। उन्होंने अपने पिता की तरह ही भगवान श्रीराम की मर्यादा और आदर्शों को घर-घर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति।”
Absolutely shocking news we lost Prem Sagar Ji son of Ramanand Sagar ji of Ramayan Om Shanti 🙏😥 pic.twitter.com/jO7s7wShOW
— Sunil lahri (@LahriSunil) August 31, 2025
पर्दे के पीछे की रचनात्मकता
- प्रेम सागर ने 1968 में पुणे स्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) से प्रशिक्षण लिया।
- उन्होंने अपने पिता के प्रोडक्शन हाउस ‘सागर आर्ट्स’ के तहत कई प्रोजेक्ट्स में बतौर स्थिर फोटोग्राफर और छायाकार काम किया।
- 1987 में जब ‘रामायण’ दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ, तो प्रेम सागर ने इसकी विजुअल पहचान को गढ़ने में अहम भूमिका निभाई।
- उन्होंने ‘विक्रम और बेताल’, ‘अलिफ लैला’ और ‘श्रीकृष्ण’ जैसे धारावाहिकों में भी योगदान दिया।
सिनेमा और भक्ति के बीच बीता जीवन
प्रेम सागर का बचपन कहानियों, भक्ति और सिनेमा के बीच बीता।जहां उनके पिता रामानंद सागर ने भारतीय टेलीविजन को धार्मिक और सांस्कृतिक गहराई दी, वहीं प्रेम सागर ने उस विरासत को तकनीकी और कलात्मक रूप से सहेजने का काम किया।
प्रेम सागर ने भले ही कैमरे के पीछे रहकर काम किया, लेकिन उनकी रचनात्मकता ने भारतीय टेलीविजन को वो रूप दिया जिसे आज भी लोग श्रद्धा से देखते हैं।_
उनका जाना एक युग का अंत है — लेकिन उनकी बनाई कहानियां हमेशा जीवित रहेंगी।

चैतन लिमकर एक प्रतिभाशाली लेखक हैं जो खेल और मनोरंजन जगत पर अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं। वे खेल के मैदान के रोमांच और मनोरंजन की दुनिया की नवीनतम हलचलों को अपने शब्दों में जीवंत कर देते हैं।